अर्जुन देव चारण। 10 मई 1956 , एम ए , पीएचडी, राजस्थान लोकनाट्य माथे विशेष ,शोध प्रतिष्ठित कवि और नाटक नाटककार ,राजस्थानी साहित्य रचा आलोचक । छापियोडी पोथियो: धरमजुद्ध ,मूंगती की गाथा ,विरासत अजे सैं बाकी है ,घर तो एक नाम है ,भरोसे रौ राजस्थानी कहानी :परंपरा और विकास, बगत री बाराखडी। पुरस्कार :साहित्य अकादमी नई दिल्ली ,राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, राजस्थान भाषा साहित्य, एवं संस्कृति अकादमी, मरू परंपरा, चेन्नई बिहारी पुरस्कार ,नई दिल्ली संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली । संम्प्रति: अध्यक्ष राजस्थान संगीत नाटक अकादमी ,जोधपुर ।।अध्यक्ष, राजस्थानी विभाग ,जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर।