RAMESH CHANDRA SHAH
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Prashant Bissa
10:54 AM (0 minutes ago)
to Prasant
रमेश चंद्र शाह 'पदमश्री 'से सम्मानित श्री शाह का जन्म (1937 )अलमोड़ा में हुआ। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.एस.सी तथा आगरा से एम ए, पी एच डी( 1997), में भोपाल के हमीदिया महाविद्यालय से अंग्रेजी विभागअध्यक्ष के पद पर निवृत्त होने के बाद भोपाल स्थित निराला सर्जन पीठ के निदेशक (दिसंबर 2000), तक रहे उपन्यास' पूर्वापर', को भारतीय भाषा परिषद कोलकाता ने तथा 'गोबर गणेश', को हिंदी संस्था (उत्तर प्रदेश) तथा (मध्य प्रदेश )साहित्यकार परिष परिषद ने पुरस्कृत किया। उपन्यास' 'किस्सा गुलाम'' नेशनल बुक ट्रस्ट की' अदान- प्रदान, योजना के अंतर्गत भारतीय भाषाओं में अनूदित (मध्य प्रदेश) के संस्कृति विभाग द्वारा शिखर सम्मान ।तथा के .के बिड़ला फाउंडेशन द्वारा व्यास सम्मान। उपन्यास' विनायक को वर्ष 2015 का साहित्य अकादमी। उपन्यास :-गोबर गणेश, किस्सा गुलाम,' पूर्वा पर', आखिरी दिन,तथा आप कहीं नहीं रहते विभूति बाबू ।कमबख्त इस मोड़ पर ,अस्वाब ए विरानी, विनाय कहानी संग्रह :जंगल में आग ,मोहल्ले का रावण, मानपत्र :थिएटर ,प्रतिनिधि कहानियां कविता संग्रह:- कछुए की पीठ पर, हरिशचन्द्र आओ ,नदीभागति आई, प्यारे मुचकुंद को, देखते है शब्द भी ,अपना समय चुनी हुई कविताओं का संकलन 'चौक पर समय ' निबंध संग्रह :-रचना के बदले ,शैतान के बहाने ,आडू का पेड़, पढ़ते-पढ़ते, स्वधर्म और कालगति ,और हिंदी की दुनिया में। यात्रा -स्मरण :-'एक लंबी छाँह' इंटरव्यू -'मेरे साक्षत्कार ।समालोचना:- छायावाद की प्रसंगिकता, समानांतर ,शब्द निरंतर, वागथॅ ,भूलने के विरुद्ध ,वागर्थ का वैभव, जयशंकर प्रसाद ,आलोचना का पक्ष इत्यादि । नाटक :-महाराजा खुसरो ,मटियाबुर्ज (राशोमन का रूपांतर )। अंग्रेजी में प्रकाशित :- येटृस एंड एलियट, 'पर्सपेक्टिव्थ आँन इंडिया 'तथा टू वर्ड्स फिलॉसफी ऑव इमैजिनेशन :फॉर लेक्कसॅ डेलिवडॅ इन टैमनोस एकेडमी लंदन।